नवरात्रि के 5 वे दिन का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा

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By Anam Hashmi




What will be the auspicious time of 5th day of Navratri

What will be the auspicious time of 5th day of Navratri

_________What will be the auspicious time of 5th day of Navratri

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सबसे पहले जानेंगे कि नवरात्रि के 5 वें दिन शुभ मुहूर्त क्या रहेगा.2023.में नवरात्रि का 5वें दिन का व्रत  19 अक्टूबर दिन  गुरुवार को होगा।

5वी तिथि 19 अक्टूबर की सुबह 01:12 मिनट पर शुरू होगी और 20 अक्टूबर दिन शुक्रवार सुबह 12:31 मिनट पर समाप्त  होगी।

अभिजीत मुहूर्त 11:49 से 12:34 मिनट तक रहेगा।

अमृत काल मुहूर्त दोपहर 12:14 से दोपहर 01:50 तक रहेगा।

ब्रह्मा मुहूर्त सुबह 04:52 मिनट से 05:40 तक रहेगा।

पंचवी नवरात्रि व्रत की विधि ये रहेगी।

नवरात्रि के पांचवे दिन सुबह-सुबह स्नान करें और मां सकंद माता के पसन्दीदा रंग 

लाल.और गुलाबी रंग के कपड़े पहने और फिर पूजा करे।

सबसे पहले धनेश जी के साथ सभी देवी देवताओं का आह्वान किया जाएगा।फिर देवी स्कंदमाता का आह्वान करें।अब माता को पूजा में रोली,

अक्षत और धूप दीप अर्पित करें।साथ ही स्कंदमाता के 

पसनदीदा  पुष्प गुड़हल का पुष्प और लाल और पीले गुलाब अर्पित करें।

सबसे पहले माँ के चरणों में पान, सुपारी, लौंग का जोड़ा,किशमिश, कमल गट्ठा,इलैइचि वा कपूर चढ़हें,

इसके बाद स्कंदमाता की व्रत कथा पढ़ें,और ॐ स्कन्ददेवी 

मातायै नमः मंत्र का जाप करें और आरती करले।

स्कंदमाता के पसन्दीदा फल के भोग लगायें।इस तरह से आपकी पूजा विधि विधान के अनुसार संपन्न हो जाएगी और मन्नता है कि इस तरह से पूजा करने से देवी स्कंदमाता बहुत प्रसन्न होती है और आपके घर की सुखशांति भी बनी रहती है।

What will be the auspicious time of 5th day of Navratri

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पौराणिक कथा के अनुसार एक राक्षस जिसका नाम 

तारकासुर  था,जिसने ब्रह्मा जी की कथोर तपस्या की और अमरता का वरदान मांगा। ब्रह्मा जी ने उसे समझा कि जिस ने जन्म लिया है उसकी मृत्यु भी होगी,उसे जाना भी पढता है।हमेंतो फिर तारकासुर ने शिवजी के पुत्र के हाथो मुक्ति का वरदान मांगा क्योंकि वे सोचते थे कि शिवजी का कभी विवाह नहीं होगा,

जिस से उनका कोई पुत्र नहीं होगा और वे अमर रहेंगा।वरदान पाकर तारकासुर ने सभी देवताओं को परेशान करना शुरू कर दिया।ऐसे में देवताओं ने शिवजी के पास जा कर तारकासुर से मुक्ति दिलाने की प्रार्थना की।फिर शिवजी ने पार्वती से विवाह किया और कार्तिकेय पैदा हुए ,कार्तिकेय के द्वारा तारकासुर का अंत किया गया।भगवान स्कंद अर्थात कार्तिकेय की माता होने के क कारण इन्हें स्कंदमाता कहा जाता है।

पांचवी नवरात्रि पर कौन कौन से उपाय करें।

पांचवी नवरात्रि पर कुछ उपाय भी आप कर सकते हैं जिससे आपके जीवन की समस्याएं दूर हो सकती हैं।

जैसे-

अगर आप अपने किसी भी काम में या बिजनेस में सफल होना चाहते हैं तो पांचवी नवरात्रि के दिन लौंग और कपूर में पीले या लाल फूल मिला कर माँ दुर्गा को आहुति दें।हर कार्य में सफलता होगी।

अगर आपका विवाह नहीं हो रहा या विवाह के बाद कोई भी समस्या है तो पंचवी नवरात्रि देवी स्कंदमाता को लौंग और कपूर मे हल्दी और चावल मिलाकर आहुति दे,इसे माँ प्रसन्न होगी और उसकी समस्या दूर होगी।

अगर आपके संतान नहीं है तो नवरात्रि के पांचवे दिन गोपाल यंत्र की स्थापना करें।

स्कंदमाता का रूप

 

स्कंदमाता की 4 भुजायें हैं।सीधी तरफ दो भुजाएँ जय जिसमें ऊपर वाले से अपने बेटे स्कंद को गोद में लिया हुआ है और नीचे वाली बुझा में कमल का फूल है।

उल्टी तरफ ऊपर वाली भुजा व्रद मुद्रा में है और नीचे वाली भुजा में कमल का फूल है,ये कमल के आसन पर बैठी है और इनकी सवारी शेर है।

Anam Hashmi
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