एक सर्वाइवल थ्रिलर वेबसीरीज “काला पानी”What is shown in the Kala Paani web series?
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नेटफ्लिक्स पर आई है एक सर्वाइवल थ्रिलर वेबसीरीज “काला पानी”, क्या है अंडमान निकोबार का रहस्य। काला पानी वेबसिरिज में ऐसा क्या दिखाया गया है |
सर्वाइवल थ्रिलर देखना किसे पसंद है अगर आपको भी सर्वाइवल थ्रिलर देखना पसंद है तो यह सीरीज आपके लिए ही है,जी हां काला पानी सीरीज में आपका सारा रोमांच, इमोशन देखने को मिलेगा, काला पानी सीरीज कुछ समय से ओटीटी प्लेटफॉर्म पर चर्चा में है तो आइए जानते हैं इस सीरीज से जुड़े कुछ बातों के बारे में।
नेटफ्लिक्स पर काला पानी नाम की वेब सीरीज को रिलीज किया गया था,ये वेबसीरीज 18 अक्टूबर को नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम की गई थी।काफी लोगो में इस वेबसीरीज को देखने के लिए उत्साह नजर आ रहा है और कुछ ऐसे लोग भी हैं जो देखने से पहले रिव्यू पर नजर डालना चाहते हैं।काला पानी देखने के लिए आपको ज्यादा मेहनत नहीं करनी, केवल साथ ही एपिसोड देखना है,साथ एपिसोड में ही वेब सीरीज का एंड हो गया है।काला पानी वेबसीरीज के 7 एपिसोड आए हैं पर पूरी तरह से इस सीरीज का अंत नहीं हुआ है जी हां काला पानी का सीजन 2 भी आएगा।
क्या है काला पानी वेबसीरीज की कहानी।
What is shown in the Kala Paani web series:काला पानी को अगर आप परिवार के साथ देखने जाना चाहते हैं तो आपको बता दें कि इसमे 1-2 गली-गैलोच और कुछ इंटेन सीन भी है,अब पूरी तरह से आपकी पसंद है कि आप इसको परिवार के साथ देखना पसंद करेंगे या नहीं,काला पानी वेब सीरीज की कहानी 2017 से संबंधित की गई है।अगर जगह की बात की जाए तो ये अंडमान निकोबार की कहानी दिखायी गयी है।
मोना सिंह वेब सीरीज की एक किरदार है जो डॉक्टर का रोल प्ले कर रही है मोना सिंह को पता चलता है कि इस आइलैंड पर एक खतरनाक वायरस है जो लोग को संक्रमित कर रहा है।डॉक्टर सिंह अपने आस पास के लोगो को ये जानकारी देती है पर वो लोग ध्यान नहीं देते।
उस द्वीप पर एक त्योहार होता है जहां दूर-दूर से लोग आते हैं पर वे वापस नहीं जा पाते, क्योंकि तब तक वायरस वास्तव में शुरू करना कर देता है।और वहां के लोग एक महामारी की स्थिति से गुजरते हैं, अब देखना ये है कि क्या वहां के लोग उस वायरस से बच सकते हैं, और कैसे बच सकते हैं साथ ही ये भी देखना है कि आखिर वे वायरस आया कहां से, पर ये सब देखने के लिए आपको काला पानी वेबसीरीज देखनी होगी।
काला पानी वेबसीरीज मे इन कालाकारो ने किया बेहरतीन काम।
समीर सक्सेना द्वारा निर्देशित काला पानी वेब सीरीज अब नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीमिंग हो रही है।काला पानी वेब सीरीज 18 अक्टूबर को रिलीज हुई थी।वेबसीरीज की कास्टिंग की बात करें तो वो कुछ इस प्रकार है।
1-डॉक्टर सौदामिनी सिंह के रूप में मोना सिंह ने भूमिका निभायी है।
2-चिरंजीवी (चिरु) का किरदार सुखांत गोयल नाटक करते नज़र आये।
3-आशुतोष ग्वारिकर का अच्छा खास रोल रहा है इन्होंने जिब्रान कादरी का रोल प्ले किया है जो एक लेफ्टिनेंट गवर्नर है।
4-एसीपी केतन कावत का किरदार अमय वाघ ने निभाया है।
5-अली असगर शाह अली के रूप में नज़र आ रहे है।
6- विनायक( विनि )का किरदार पूर्णिमा जोरा ने निभाया।
7-मुख्य सचिव का किरदार जगदीश राजपुरोहित ने किया।
8-पार्वती अम्मा का किरदार वीणा नायर ने निभाया।
9-संतोष सालवा के रूप में विकास कुमार दिखें।
10-रितु गागरा का किरदार राधिका मेहरोत्रा करत दिखी।
11-गार्गी का किरदार सारिका सिंह ने निभाया है।
12-पयाश जैन पार्थ के रूप में दिखें।
13-राग चड्ढा ने प्रभुज्योत का किरदार किया है।
14-नंदन के रूप में धनीराम प्रजापति नज़र आये।
15-डिजायर जुनियर बिंदे एनमाए के रूप में नजर आए।ओसे का किरदार डेविड वेरावा ने किया है।
16-डॉ. शशि महाजन का किरदार चिन्मय मंडलेकर ने किया।
17-विदिशा (कद्दू) का किरदार आराध्या अंजना ने कियाहै।
18-रूपक का किरदार अविनाश कुरी ने किया।
काला पानी की असली कहानी क्या थी ?
काला पानी वह जगह है जहां पर हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को बहुत ही भयावह है तरीके से सजा दी जाती थी काला पानी की सजा इतिहास की एक ऐसी सजा हुआ करती थी जिसका नाम सुनकर ही लोग मरने की कामना करने लगते थे जिसको सेल्यूलर जेल के नाम से जानते थे यह जेल अंडमान निकोबार दीप समूह पोर्ट ब्लेयर में बनी हुई है इसमें हमारे बहुत सारे स्वतंत्रता सेनानियों को फांसी दी गई है काला पानी में काला का अर्थ होता है मृत्यु मतलब के काल ऐसा कहा जाता है कि एक बार जो काला पानी की जेल में गया वह वापस कभी ना आ सका”|
पोर्ट ब्लेयर भारत के केंद्र शासित प्रदेशों में आता है यह अंडमान निकोबार का राजधानी है पोर्ट ब्लेयर अंडमान निकोबार चारों तरफ से एक विशाल समुद्र से घिरा हुआ है इसी कारण कोई भी कैदी इस जेल से भाग नहीं पाता और जिसने भी भागने की कोशिश करी वह उस समुद्र के पानी में विलीन हो जाता था बात उसे टाइम की थी जब भारत में आजादी की लड़ाई चल रही थी |
और बहुत सारे स्वतंत्रता सेनानी इस आजादी की लड़ाई में कूद चुके थे अंग्रेजों द्वारा उन पर अत्याचार करने के लिए काला पानी की सजा सुनाई जाती थी ताकि उनको एक दर्दनाक जिंदगी दी जा सके इस जेल का निर्माण 1896 में शुरू हुआ था जब अंडमान निकोबार में इस जेल का निर्माण शुरू हुआ उस टाइम पर यह चारों तरफ से घने जंगलों और खाइयो से घिरा हुआ था जंगल में बहुत सारे जानवर कीड़े मकोड़े और खतरनाक मच्छर हुआ करते थे |
______What is shown in the Kala Paani web series?
जिनके काटने के कारण कई मजदूर की मौत हो जाया करती थी अंग्रेजों ने साथ ही साथ अपने रहने के लिए आलीशान घर और चर्च का भी निर्माण करवाया था बताया जाता है कि इस जेल में टोटल 696 कमरों का निर्माण किया गया था क्या आप जानते हैं उस टाइम पर जेल को बनाने में कितना पैसा खर्च हुआ उस टाइम इस जेल को बनाने के लिए सिर्फ ₹500000 का खर्चा आया था और यह जेल 10 साल के बाद 10 मार्च 1906 को बनकर तैयार हो गई थी इस जेल का नाम सुनते ही लोग थर-थर कांपने लगते थे हर एक कैदी को एक-एक रूम दिया जाता था यहां पर सारे कैदी भारत की स्वतंत्रता संग्राम में शामिल होने वाले हुआ करते थे जेल के चारों तरफ समुद्र का पानी होने की वजह से कोई भी कैदी भागने की कोशिश नहीं करता था यह भी कहा जाता है |
कि एक टाइम पर 200 कैदियों ने भागने का तरीका ढूंढा पर वह उस तरीके में नाकामयाब रहे और अंग्रेजों के द्वारा पकड़े गए थे इनमें से लगभग आधे कैदियों को तुरंत फांसी दे दी गई थी साथ ही साथ यह भी कहा जाता है कि यहां पर बहुत सारे कैदियों ने अंग्रेजों के अत्याचार से परेशान होकर आत्महत्या कर ली थी अंग्रेज कहीं कैदियों के नाखून और बालों को खींच के उखाड़ दिया करते थे |
यह अत्याचार मौत से कम नहीं हुआ करता था सारे कैदियों से बहुत अधिक काम लिया जाता था कैदियों को नारियल से रस्सी बनाने का कार्य दिया गया था कई कई दिनों तक कैदियों को खाना नहीं दिया जाता था और प्यास से कम पानी दिया जाता था कैदियों के साथ जानवरों जैसा व्यवहार किया जाता था
उनको खाने में घास फूस मिला कर दी जाती थी ऐसा खाना खाकर रोजाना कई कैदी बीमार हो जाते थे और उस बीमारी की वजह से उनकी मौत भी हो जाती थी कैदियों को प्रदूषित पानी दिया जाता था जिनमें कीड़े मकोड़े भी निकला करते थे इस प्रदूषित पानी को पीके कई कैदियों को डायरिया जैसी समस्या हो जाती थी और उनका इलाज न होने के कारण उनकी मौत भी हो जाती थी
कैदियों के सेल में बहुत ही गंदगी हुआ करती थी टॉयलेट भी सेल में ही करना होता था कैदियों को सिर्फ दो प्रकार के बर्तन दिए जाते थे एक मे उनको खाना खाना होता था और दूसरे बर्तन का इस्तेमाल टॉयलेट के लिए करना होता था ठंड गर्मी बरसात कैसा भी मौसम हो उनको किसी भी प्रकार की अतिरिक्त कंबल रजाई चादर नहीं दी जाती थी और वह सारे कैदी जमीन पर ही सोया करते थे|
काला पानी में सजा काटने वाले मुख्य स्वतंत्रता सेनानियों के नाम
बाबू सावरकर ,वीर सावरकर ,एस चंद्र चटर्जी ,बटुकेश्वर दत्त ,मौलाना अहमद उल्लाह और सोहन सिंह के साथ-साथ मौलवी अब्दुल रहीम, सादिकपुर योगेंद्र शुक्ला और मौलाना फजल खैराबादी गोपाल भाई, डॉक्टर दीवान सिंह, प्रेमचंद ,बबन राव जोशी और भी बहुत सारे स्वतंत्रता सेनानी शामिल थे.