karva chauth 2023 kab hai:करवा चौथ की कुछ ऐसी अनसुनी बातें जो आपकी दादी ने भी नहीं बताई होगी

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By Swati




करवा चौथ 2023:करवा चौथ के बारे में पूरी जानकारी,karva chauth 2023 kab hai

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karva chauth 2023 kab hai

karva chauth 2023 kab hai

karva chauth 2023 kab hai:महिलाओ के लिए एक बार फिर से करवा चौथ आने वाला है ,करवा चौथ हिन्दू धर्म की हर एक महिला के लिए खास होता है ,करवा चौथ का व्रत सुहागन तो रखती ही है पर कुंवारी लड़किया भी रखती है कुंवारी लड़किया अच्छे वर की कामना के लिए यह व्रत रखती है,जब आप पहली बार करवा चौथ का व्रत रखती है तो मन में ख़ुशी के साथ साथ चिंता भी होती है की पूजा और व्रत सब कुछ अच्छे से हो जाये। तो अगर आप भी पहली बार करवा चौथ का व्रत रख रही है तो कुछ बातो का ध्यान रखना ज़रूरी है।

1-करवा चौथ का व्रत कब और कैसे रखते है – 

करवा चौथ का व्रत हर साल कार्तिक मास के कृष्णा पक्ष की चतुर्थीतिथि  में रखते है। और इस बार 2023 में करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर को रखा जाएगा। करवा चौथ के दिन महिलाये अपने पति की लम्बी उम्र के लिए निर्जल व्रत रखती है ,और इस व्रत में ना ही कुछ खा सकते है और न ही कुछ पी सकते है जल और अन्न दोनों का त्याग करना होता है।

2-सरगी कैसे खाएं – 

सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर नाहा ले और साफ़ सुथरे कपड़े पहन ले सरगी सुबह होने से पहले  खाई जाती है इसलिए तीन या चार बजे तक सरगी खाना होती है तो आप उससे पहले नहा धो ले और तैयार हो जाएँ फिर सास की ओर से दी हुई सरगी को खा ले ,जादातर सरगी में फल मेवे और मिठाई होती है साथ ही सोलह श्रृंगार का भी सामान होता है और बाकि जिसकी जैसी स्थति होती है वो उस हिसाब से देती है ,सरगी को दक्षिण की तरफ मुँह करके खाना शुभ माना  जाता है तो कोशिश करे सरगी दक्षिण की ओर मुँह करके खाएं। 

3-चाँद निकलने के बाद खोले व्रत – 

सरगी खाने के बाद आप दिन भर उपवास में रहेंगी आप ना ही कुछ खा सकते है और न ही कुछ पी सकती है फिर जब तक शाम को चाँद नहीं निकलता आप व्रत नहीं खोल सकते चाँद को देखने के बाद ही व्रत खोलना होता है। 

4- पूजा के समय क्या पहने – 

पूजा के समय अपनी शादी का जोड़ा पहने  या फिर शादी के जोड़े की चुन्नी ओढ़ ले अगर वो भी नहीं है तो लाल साड़ी या हरी ,गुलाबी और नारंगी साड़ी भी पहन सकते है बस काला  ,सफ़ेद और  नीले रंग से बचाव करे। मेहँदी एक दिन पहले लगा ले और पूजा के समय श्रृंगार कर के बैठे।

5- पूजा की सामग्री –

पूजा की सामग्री की तैयारी पहले से करले ताकि समय पर कोई परेशानी न हो ,पूजा की सामग्री के लिए चौकी , लाल का कपड़ा ,करवा माता की फोटो , मिटटी का करवा ,मिटटी का दिया और खांड का करवा  ले ले। फिर पूजा की थाली के लिए रोली ,चावल,कलावा,कोई भी अनाज गेहूं या बाजरा आदि ,देसी घी का दिया,माचिस,भोग के लिए मिठाई ,छलनी ,लोटा और करवा माता के लिए श्रृंगार ,चुनरी ,फल ले ले। बहुत सी जगह कलश स्थापना भी होती है ,तो अगर आपके यहाँ भी कलश स्थापना होती है तो कलश स्थापना के लिए एक लोटा जल,नारियल,आम के पत्ते या अशोका के पत्ते,और कलश में डालने के लिए हल्दी, सिक्का, सुपारी ले लें।  

6-पूजा कैसे करे –

एक चौकी रखे उसपर लाल या गुलाबी रंग का कपड़ा डालें फिर थोड़े से गेंहू रखकर उसपर करवा माता के फोटो पर चुनरी डालकर रखे ,अब एक करवा ले इसमें जल भर ले  और उसके गले में मौली कलावा बांध दीजिए और जो छेद होता है उसमे गोवर्धन की कुशा घास की सीके लगा दे करवे के ऊपर ढकनी से ढके और ढकनी में कोई भी मिठाई या फिर चीनी रखे ,अब इसके चारो और रोली की टिक्कियां लगा दें ,अब दान में देने के लिए एक गिलास में गेहूं रखे साथ में कुछ दक्षिणा भी उसमे रखे और गिलास पर कलावा बांध दे पूजा के बाद इसे दान में दिया जाता  है। फिर धुप दीप की स्थापना करे फिर जल का छींटा  देकर शुद्धि करण  कर ले। 

फिर सबसे पहले गणेश जी का पूजन करे उसके लिए अगर करवा माता के पोस्टर में गणेश जी है तो आप पूजन करे वरना  गणेश जी की फोटो की अलग से स्थापना करके गणेश जी का पूजन करे,उसके बाद करवा माता का और आप चाहे तो पूरे शिव परिवार का पूजन कर सकते है। उसके बाद सभी का टीका करके फूल अर्पित कर दें फिर करवा माता को श्रृंगार अर्पित करना होता है |

उसके लिए आप करवा माता को सोलह श्रृंगार भी अर्पित कर सकते है या फिर पांच या सात तरह के श्रृंगार अर्पित करे और साथ में फल और मिठाई का भोग लगाएं। फिर चन्द्रमा को अग्रि देने के लिए एक लोटा जल भर कर और रोली का टीका लगा कर रखे और कथा सुने और साथ बैना निकलने के लिए एक साड़ी और चूड़ी भी रखे बायना सास को दिया जाता है अगर आपकी सास न हो तो किसी भी  सुहागन महिला को दे सकती है। इसके बाद चन्द्रमा को अर्घ्य  दिया जाता है और पति का पूजन किया जाता है। 

7- करवा चौथ के व्रत में पानी पीना – 

करवा चौथ का व्रत काफी कठिन होता है क्यूंकि आपको सारा दिन भूके प्यासे रहना होता है पर करवा चौथ के व्रत में  पानी न पीने का व्रत की प्रचलित कथाओ में नहीं लिखा पर कुछ महिलाये व्रत के दौरान पानी भी नहीं पीती है। कुछ लोगो का मानना  है अगर आपका पहला व्रत है तो दिन भर में केवल एक बार चाय ,पानी,या दूध ले सकती है लेकिन केवल एक बार ही लें। 

 

8-करवा चौथ के व्रत के बाद क्या खाएं – 

इस दिन महिलाऐं दिन भर निर्जल व्रत में रहती है इसलिए व्रत खोलने के बाद तुरंत चाय या कॉफी  का सेवन न करे  बल्कि नारियल पानी ,नीम्बू पानी,या फिर फ्रूट जूस पिए साथ ही खाने में हल्का खाना खाएं और ड्राई फ्रुइट्स भी खा सकती है यह आपको एनर्जी देंगे।

9-व्रत से एक दिन पहले क्या खाएं – 

व्रत से एक दिन पहले आप ऐसा खाना खाएं जिससे ज़ादा समय तक पेट भरा रहे आप प्रोटीन फ़ूड ले सकती है ओट्स ,पनीर का सेवन करे साथ ही  खाने में कुछ ऐसा भी ले जिससे शरीर में एनर्जी बनी रहे। 

 

10-पूजा में मंत्रो का करे जाप –

करवा चौथ के दिन  करवा माता और चन्द्रमा के साथ गणेश जी की,माता पारवती की और पूरे शिव परिवार की पूजा होती है ऐसे में सभी देवी देवताओ के लिए मंत्र जाप करना चाहिए। तो सबसे पहले  गणेश जी के मंत्र ॐ  गणेशाये नमः का जाप करे फिर ॐ शिवायै नमः का जाप करे जो माता पार्वती का मंत्र है ,उसके बाद शिव जी के मंत्र ॐ नमः शिवाए का जाप करे फिर कार्तिकीय के मंत्र षण्मुखाये नमः का जाप करे. शाम को जान चाँद निकल आये तो चन्द्रमा की पूजा के समय ॐ सोमाये नमः का जाप करती रहे। 

11-चन्द्रमा को अर्घ्य  दे –

आपके घर से जहाँ से भी चाँद दिखे आप वहां  पर थाली ले जाएँ थाली में जो जल से भरा करवा होगा उसमे थोड़ा अनाज  डाले और थोड़ी मिठाई या बतासे डालें  अब  अर्क  देने के लिए करवा तैयार है अब करवे को ऊपर उठा कर चन्द्रमा की ओर करे और जो कर्वे में  छेद होगा उसी से जल एक धार से निकाले और अरग देते समय कहे ” हरे बांस की छाबड़ी गाल मुतियन का हार ,चाँद सूरज को अर्क  देयुं जिए मेरे भाई भरतार आँख तले  मेरे सासरे ढांक  तले नंदसार पीहर सासरो ऐसो बसे जैसे कीड़ी कोसो नाल”  कुछ लोग करवा चौथ को चन्द्रमा को अर्क देते समय ये भी बोलते है ”सर धड़ी ,पैर  कड़ी ,अर्क  देती, सर्व सुहागन ,चौबारे खड़ी ”

karva chauth 2023 kab hai

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करवा चौथ को किन किन नामो से जाना जाता है?

karva chauth 2023 kab hai:करवा चौथ को कई जगहों पर कर्क चतुर्थी के नाम से जाना जाता है और कुछ जगह पर पति दिवस के रूप में भी मनाया जाता है करवा चौथ उत्तरी भारत गुजरात में और पाकिस्तान की कुछ जगह जहा पर हिन्दू आबादी रहती है जैसे थरपारकर डिस्ट्रिक का मीठी शहर में मनाया जाता है और सिख महिलाओं द्वारा भी मनाया जाता है जिसमे पति की लम्बी आयु की पार्थना की जाती है भारत के कुछ हिस्सों में रीजनल बोली के आधार पर भी करवा चौथ का नाम लिया जाता है पर भारत के ज्यादा तर हिस्से में इस पर्व को करवा चौथ के नाम से ही लोग जानते है | 

Karva Chauth 2023 Complete information about Karva Chauth

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क्यों करवा चौथ पर प्याज़ को नहीं खाना चाहियें ?

karva chauth 2023 kab hai:लोगो का अक्सर ये प्र्शन होता है के क्या हम करवा चौथ के दिन पर प्याज़ का सेवन कर सकते है या नहीं, करवा चौथ वाले दिन महिलाये व्रत रखती है और भगवान् से  अपने पति की  लम्बी उम्र के लिए प्रर्थना करती है पर हर समुदाय चाहे वो हिन्दू हो ,मुस्लिम, सिख ईसाई या जैन हो सबमे एक सामान व्रत रखने के कुछ नियम बनाये गए है |

हर धर्म में ये नियम अलग अलग तरह से होते है वैसे ही हिन्दू धर्म में यह नियम है के करवा चौथ के दिन व्रत रखने एक बाद आप मास मछली लहसुन प्याज़ को नहीं खा सकते है| मासाहार को  हमारी हिन्दू संस्कृत के हिसाब से गलत माना जाता है ऐसा कहा जाता है मासाहारी भोजन इंसानो  के खाने के लिए  बना ही नहीं है  ये राक्षस का खाना है हिन्दू धर्म के अंदर ये भी लिखा है के जानवरो की हत्या करने से पाप चढ़ता है इसी लिए शाकाहार को अपनाते है हिन्दू परिवार पर प्याज़ और लहसुन क्यों न खाये इसके पीछे की क्या मान्यता है |

आइये हम इसे बताते है प्याज़ और लहसुन ज़मीन के नीचे उगते है और हिन्दू धर्म के अंदर किसी भी परिजीव की हत्या को भी सही नहीं माना गया है प्याज़ और लहसुन जमीन के अंदर उगने  के कारण जमीन के अंदर रहने वाले छोटे छोटे परीजीव् मर जाते है और यही कारण है के न सिर्फ करवा चौंथ बल्कि बाकि दिनों में भी हिन्दू धरम के हिसाब से लहसुन प्याज़ खाना वर्जित माना गया है | 

इसके साथ-साथ हिन्दू धरम में एक  मान्यता ये भी है के प्याज़ और लहसुन गुस्से को बढ़ाते है और बुद्धि को भ्र्ष्ट कर देते है जिसके कारण मनुष्य धर्म के रस्ते में न चलकर अधर्म का रास्ता अपना लेता है और गलत कामो में पड़ जाता है कुछ लोग ये भी कहते है के लहसुन और प्याज़ मॉस मछली की तरह ही अशुद्ध होता है यही वजह होती है के इसे व्रत के टाइम पर नहीं खाया जाता है | 

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क्या नहाने के बाद ही सरगी खा सकते है ?

karva chauth 2023 kab hai:हर धर्म की ये मान्यता रही है के हमें कोई भी अच्छा काम करने से पहले नहा कर पवित्र होना जरुरी होता है सनातम धरम में भी ऐसी ही मान्यता है की  नहाने से आध्यात्मिक शुद्धि होती यही कारण  है के करवा चौथ के दिन नहा कर ही सरगी खाना उत्तम माना जाता है हमारे शास्त्रों के अनुसार नहाने के बहुत से फायदे बताये गए है इसमें से एक है के नहाने से इंसान को बहुत सी परेशानियों से मुक्ति की प्राप्ति भी हो जाती है रोज़ाना नहाना भी शरीर के लिए उत्तम रहता है रोज़ाना नहाने से शरीर में किसी भी प्रकार की बीमारियो का वास् नहीं रहता है और शरीर की काया निरोगी बानी रहती है | 

karva chauth 2023 kab hai

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आखिर क्यों होता है लाल करवा चौथ का चाँद 

karva chauth 2023 kab hai:हम सभी के मन में ये सवाल जरूर उठता है के करवा चौथ के दिन चन्द्रमा लाल रंग का क्यों हो जाता है करवा चौथ का -पर्व बहुत अनूठा होता है इससे जुडी बहुत सी पौराणिक कथाये प्रचलित है | इस दिन चन्द्रमाँ की भी पूजा की जाती है इस दिन पर महिलाये चाँद को देख कर ही अपना व्रत का त्याग करती है पर हम सभी देखते है के करवा चौथ के दिन चाँद का रंग लाल होता है चाँद के रंग में परविर्तन होने की मुख्य वजह धरती का वातावरण माना जाता है | सूरज की रौशनी चाँद से परिवर्तित होकर जमीन पर आती  है और धरती के ऊपर वातावरण में पहले से मौजूद हवा और किरणों से परिवर्तित होकर उसका रंग बदल जाता है इसको ऐसे भी बोल सकते है के उसका रंग हमारी आँखों  के लिए बदल जाता है बहुत से रंगो को धरती का वातावरण सोक लेता है इसमें मौजूद प्रदूषण की वजह से  धरती के वातवरण में बदलाव होता है | 

अलग अलग मौसम के दौरान धरती की अपेछा चाँद की स्तिथि पर इसका बहुत गहरा प्रभाव देखने को मिलता है यही वजह होती है के धरती से हमें चाँद अलग अलग रंगो का देखने को मिलता है | चाँद जब धरती की क्षितिज पर होता है उगता और डूबता हुआ तब धरती का मोटा वातावरण खुद को पार कर के आने वाली प्रकाश की नीली हरी और बैगनी प्रकाश की किरणों को सोक लेता है बैगनी हरे अन्य प्रकार की रंगो की तरंगे कम होने के कारन वो धरती के वातवरण को पार नहीं कर पाती है वही पर लाल रंग की वेव  लेंथ ज्यादा  होती है इसलिए वो धरती के वातावरण को पार कर लेती है और हमारे तक लाल पिले रंग की रौशनी पहुंच जाती है इसलिए धरती से चाँद कभी पीला तो कभी लाल दिखाई देता है यही वजह होती है के करवा चौथ का चाँद भी लाल नज़र आता है |

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कौन सी चौथ का चंद्रमा देखना होता है अशुभ ?

karva chauth 2023 kab hai:हमें गणेश चतुर्थी के दिन चन्द्रमा को नहीं देखना चाहिए इसके पीछे कई मान्यताये है भद्र पद्मा के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी की तिथि पर गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है | इसको “विनायक चतुर्थी” के नाम से भी जाना जाता है “विनायक चतुर्थी” के दिन पर लोग अपने घरो में बप्पा को विराजमान करते है और पूरे दस दिनों तक गणपती बप्पा का महोत्सव बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है पूजा अर्चना भी की जाती  है ११ वे दिन गणेश जी को विसर्जित करके अगले बरस बप्पा को जल्दी आने का निमंत्रत किया जाता है  सनातन धर्म में ऐसी भी मान्यता है के जिस दिन पर गणेश चतुर्थी होती है उस दिन चन्द्रमा का दर्शन करने से पाप लगता है और ऐसा कहा जाता है के  जो भी इस दिन पर चन्द्रमा के दर्शन कर लेता है उसके ऊपर झूठा कलंक लग जाता है | और यही कारण है के इसे पथर चौक एवं कलंक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है | 

आइये जानते है के गणेश चतुर्थी के दिन पर चन्द्रमा के दर्शन करना आखिर क्यों वर्जित होता है ?

इनके पीछे बहुत सी कहानिया जुडी हुई  है जिसमे से एक यह है की एक बार रात के टाइम पर गणेश जी अपने मूषक की पीठ पर  सवार  होकर खेल रहे थे तभी अचानक से मुसक राज को एक साप  दिखा जिसको देख कर मुसक राज  डर गए और बिदक गए जिसके कारण उनकी पीठ पर सवार  गणेश जी गिर पड़े अचानक गिरने से गणेश जी घबराये और फ़ौरन उठे और देखा के कही कोई उनको देख तो नहीं रहा है पर रात की अँधेरी के कारण वहा कोई भी नहीं था लेकिन अचानक दूर से किसी के हसने की आवाज़ सुनाई दी ये आवाज़ और  किसी की नहीं थी बल्कि  चंद्र देव की थी चंद्र देव ने बप्पा का मज़ाक बनाया और कहा के “छोटा सा  कद और गज सा मुख”इतना सुन कर गणेश जी को गुस्सा आ गया इस पर गणेश जी ने बोला के जिस सुंदरता के अभिमान के कारण तुम मेरा माज़क बना रहे हो वो सुंदरता नष्ट हो जायगी और गणेश जी के श्राप के कारण चंद्र देव का रंग काला पड़ गया था तत्पश्चात  पुरे विश्व में अँधेरा हो गया इस भयवाह स्तिथि से निकलने के लिए सभी देवताओ ने गणेश जी को समझाया और चंद्र देव ने गणेश जी से छमा मांगी तब जाकर गणेश जी ने बोला के मै अपना श्राप वापस तो नहीं ले सकता हूँ पर प्रति माह एक बार आप पूरी तरह से काले रहेंगे और फिर धीरे धीरे रोज़ाना आप का आकर बड़ा होता जायगा जिससे एक महीने में एक बार आप पूरी तरह से पुरे नज़र आयगे | 

कहा जाता है तभी से चन्द्रमा घटता और बढ़ता है ये दिन चतुर्थी का दिन था गणेश जी ने कहा की मेरे वरदान के कारण आप दिखाई तो देंगे पर इस दिन कोई भी अगर आपके दर्शन करेगा तो अशुभ फल की प्राप्ति होगी ताकि लोगो को ये बात याद रहे के चन्द्रमा के मज़ाक बनाने पर गणेश जी द्वारा चन्द्रमा शार्पित किया गया था इसी कारण चतुर्थी के दिन चद्र्मा के दर्शन करना वर्जित हो गया और इस दिन पर जो भी वयक्ति चन्द्रमा के दर्शन करता है उसके ऊपर झूठा कलंक लगता है| 

Karva Chauth 2023 Complete information about Karva Chauth

करवा चौथ के पीछे क्या साइंटफिक तर्क है?

karva chauth 2023 kab hai:हम भारतीय करवा चौथ को प्रत्येक कार्तिक  माह की चौथ पर बड़े हर्ष और उल्लास से मनाते है | इस व्रत को रखने के पीछे साइंटफिक कारण क्या है आइये जानते है करवा चौथ के दिन स्त्री सुबह ५ बजे उठ जाती है और सरगी खाती है | उसके बाद दिन भर में एक भी बार अन्न को हाथ तक नहीं लगाती है | शाम होते होते महिलाये शृंगार कर के पीपल के पेड़ की पूजा करती है चाँद निकलने के पश्चात पतियों के हाथ से पानी पीकर पत्निया अपना व्रत तोड़ती है | चाँद और महिलाओ में बहुत सी समानताये होती है दोनों को अपने अलग अलग फ्रेज़ेस से गुजरना होता है जिसमे लगभग २९ से ३० दिन लगते है जिस प्रकार से चाँद पहले दिन से पूरा होने में १४ दिन और फिर घटने की प्रक्रिया बचे हुए १४ दिनों में पूरी करता है जिसमे  लगभग २९ दिन हो जाते है |

ठीक इसी प्रकार महिलाओ में होने वाली मासिक धर्म चक्र की परिक्रिया भी लगभग २९ दिन की होती है | करवा चौथ कार्तिक मास की कर्ष्ण पक्ष को होता है और इस दिन अन्ना ग्रहण करना वर्जित माना जाता है जिसके पीछे भी एक कारण होता है  जब महिलाये पूरा दिन व्रत रखती है और रात को चन्द्रमा के दर्शन के बाद अपने पतियों के द्वारा व्रत तोड़ कर अन्न को ग्रहण करती है तो उनके शरीर में हार्मोनल बैलेंस आता है जिसमे एजेस्टरोंन कम हो जाता है और प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन्स बढ़ जाता है| जिसके कारण पति पत्नी का सम्बन्ध खुशियों से भर जाता है | और इन्ही धर्मिक कारण की वजह से भारत में तलाक की दर और देशो के तुलना में कम है| 

करवा चौथ के दिन  करवे में  पानी पिने के पीछे भी एक साइंटफिक रीजन है क्यूंकि करवा मिटटी का बना होता है और मिट्टी में बहुत सारे ऐसे तत्त्व होते है जो पानी को भी उन जरुरी तत्वों से भर देते है और दिन भर के व्रत के बाद शरीर में जो भी मिनरल की कामी होती है उसे तुरंत पूरा कर देते है | 

दिन भर कुछ न खाने के कारण हमारी बॉडी डी टॉक्सिफाई  हो जाती है और बहुत सी बीमारियों का खतरा टल जाता है  तो इस प्रकार प्रत्येक धार्मिक कार्य चाहे वो छोटा हो  या बड़ा  हमारे शरीर के लिए कई प्रकार के स्वास्थ से सम्बंधित लाभ ही प्रदान करते है | 

करवा चौथ के दिन चंद्रमा को अरग देने का तरीका 

karva chauth 2023 kab hai:करवा चौथ के दिन पर जब चन्द्रमा निकल आये तो आप को अपने साथ एक पूजा की थाली जो अपने चन्द्रमा को अर्क देने के लिए तैयार करि है उसे लेकर और साथ ही अपनी शादी की चुन्नी सरपर डाल कर अपने छत या खुले मैदान में चन्द्रमा के सामने उपस्थित होना है और अगर आपके यहाँ शादी की नथनी पहनना जरुरी होता हो तो चुन्नी के साथ-साथ आप नथनी को भी जरुरी से पहने | 

करवा चौथ की कथा सुनने के बाद जो १३ दाने गेहू के आप के पल्ले में बंधे होते है उन्हें खोलकर आपकी थाली में जिस करवे में पानी भरा हुआ है उस करवे में डालने होते है और जो भी आपकी थाली में मिठाई हो बताशे वगैरा उसको भी पानी में डाल दें और फूलो की कुछ पंखुडिया भी डाल दें अब करवे में भरे हुए इस पानी से चन्द्रमा को अरग देना होता है और ध्यान रहे की अरग देते समय आपकी दिशा उत्तर-पश्चिम की तरफ  होनी चाहिए ऐसा करने से चंद्र देव खुश होते है और  अरग देने का पूरा फल प्राप्त होता है चन्द्रमा को अरग देते समय इस मन्त्र का जाप करना चाहिए  “करकं क्षीरसंपूर्णा तोयपूर्णमयापि वा। ददामि रत्नसंयुक्तं चिरंजीवतु मे पतिः॥ इति मन्त्रेण करकान्प्रदद्याद्विजसत्तमे”

और तीन परिकर्मा इस मंत्र का जाप करते हुए आपको पूरी करनी है जिसमे करवे का पूरा जल आपको चन्द्रमा को समर्पित कर देना है | 

इसके साथ ही चावल रोली पुष्प और धुप बत्ती वगैरा अर्पित करना है और थाली में रक्खा हुआ पूजा का दिया छन्नी में रखकर चन्द्रमा को देखा जाता है और इसके बाद उसी छन्नी से पति के मुख का दर्शन किया जाता है और फिर आपके पति पूजा की थाली में रक्खे हुए जल से आपका व्रत तुड़वाते है इस प्रकार आपका करवा चौथ का व्रत और चन्द्रमा को अरक देने की पूरी परिक्रिया सम्पन्न होती है | 

करवा चौथ पर कौन सा रंग नहीं पहनना चाहिए?

 

करवा चौथ सुहागिनों का त्यौहार होता है इस दिन सुहाग का रंग जो लाल होता है उसे शुभ माना जाता है | लाल हरे रंगो के कपड़ो का प्रयोग आप कर सकती है क्युकी ये शुभ और खुशहाली का प्रतीक होते है इनके इलावा कुछ ऐसे रंग भी है जो अशुभ माने जाते है और करवा चौथ जैसे शुभ दिन पर इन रंगो को नहीं पहनना चाहियें आइये जानते है उन अशुभ रंगो के बारे में 

१- काला रंग-करवा चौथ सुहाग से जुड़ा हुआ त्यौहार है और सुहाग में काले रंग को पूरी तरह से अशुभ माना जाता है तो करवा चौथ के दिन किसी भी सुहागिन को काले रंग के वस्त्र पहनने से बचना चाहियें सिवाय मंगल सूत्र और काजल के किसी भी चीज़ में काले रंग का उपयोग न करे मंगल सूत्र और काजल कला रंग का होने के बावजूद सुहाग की निशानी होती है और हमें बुरी नज़र से बचाते है | 

२ -सफ़ेद रंग- वैसे तो सफ़ेद रंग शांति और शुद्धता का प्रतीक होता है लेकिन सुहाग में सफेदे रंग को निषेध माना जाता है क्युकी सफ़ेद रंग उन महिलाओ के लिए होता है जिनके पतियों की मर्त्यु हो चुकी होती है और उनको बिना अपने पति के सादगी और सौम्यता का जीवन वयतीत करना होता है करवा चौथ सुहागिनों का दिन होता है इस दिन पर सफ़ेद रंग से बचना चाहियें और किसी अन्य वयक्ति को सफ़ेद चीज़े जैसे चावल दूध सफ़ेद मिठाई अदि का दान करने से बचना चाहियें | 

३-नीला रंग – नीला रंग वैसे तो बहुत खूबसूरत और आकाश का प्रतीक है लेकिन धार्मिक कार्यो में उत्तर प्रदेश और राजिस्थान की कुछ जगहों पर इस रंग को अशुभ माना जाता है मोर की गर्दन वाले नीले रंग को करवा चौथ के दिन पहनने से बचना चाहियें | 

४-भूरा और सिलेटी रंग –करवा चौथ जैसे शुभ दिन पर भूरे और सिलेटी जैसे दबे हुए रंग को पहनने से बचना चाहियें क्युकी भूरे रंग को राहु और

केतु का  संवाहक माना जाता है और सिलेटी रंग भी नीरसता का प्रतीक होता है जिन्हे सुहागिनों के लिए शुभ नहीं माना जाता है यही कारण है के करवा चौथ के दिन इन रंगो से बचना चाहियें |

करवा चौथ का व्रत तोड़ने के बाद क्या खाना चाहिए?

karva chauth 2023 kab hai:कोई भी व्रत हो हमारे स्वास्थ के लिए लाभकारी ही होता है और करवा चौथ जैसा निर्जला व्रत भी स्वास्थ को कई तरह से फायदे देता है हमारे शरीर में ऐसे सेल्स को खत्म करता है जिनसे कई तरह की बीमारिया होती है लेकिन व्रत पूरा करने पर शरीर में कई प्रकार की पोषक तत्त्वों की कमी हो जाती है जिसे पूरा करने के लिए व्रत के तुरंत बाद हमें पोषक तत्त्वों से भरपूर चीज़े खानी चाहिए जैसे चाय कॉफ़ी की जगह पर नारियल पानी,छाछ लस्सी ,निम्बू पानी ,फ्रेश फ्रूट जूस ,अदि  का इस्तेमाल करें और कुछ ड्राई फ्रूट जो इंस्टेंट एनर्जी देते है जैसे बादाम अंजीर खजूर अदि से अपना व्रत तोड़े और उसके बाद घर में बानी हुई मिठाई जैसे मखाने की खीर या मुंग दाल हलवा जैसे स्वादिष्ट और पौष्टिक व्यंजन का सेवन करें इससे आपको काफी एनर्जी मिलेगी और पूरे दिन की पोषक तत्त्वों की कमी भी पूरी हो जाएगी एक बाद का आपको ध्यान रखना है के एक साथ बहुत सारा खाना नहीं खाना है कुछ देर के अंतराल के बाद थोड़ा थोड़ा खाये इसके बाद आप अपने पति के साथ रात्रि का भोजन कुछ हलके वयंजनो के साथ ले सकते है| 

करवा चौथ के दिन क्या नहीं खरीदना चाहिए?

करवा चौथ जैसे त्यौहार पर खरीदी जाने वाली चीज़ो की एक लम्बी लिस्ट होती है जिसमे पूजा की सामग्री से लेकर सुहागिनों के शृंगार की चूड़ी बिंदिया भी शामिल होती है लेकिन इस लम्बी लिस्ट में कुछ चीज़ो की खरीद से जुडी आपको जानकारी होना बहुत जरुरी है जिन्हे इस दिन पर खरीदना अशुभ माना गया है 

१- धार दार औजार- करवा चौथ को ख़ुशी और सुहाग का प्रतीक माना जाता है ऐसे मौके पर किसी भी धार दार वास्तु का खरीदना धार्मिक तौर पर अशुभ होता है करवा चौथ के दिन छुरी चाकू खुरपी कैची जैसे भले ही जरुरी चीज़े होती है लेकिन इन्हे खरीदने के लिए करवा चौथ का दिन न चुन कर किसी अन्य दिन पर खरीदना चाहियें करवा चौथ के दिन ऐसी  वस्तुओ को खरीदने से पति पत्नी के जीवन पर बुरा असर पड़ता है | 

२- सफ़ेद और काला कपडा-करवा चौथ के दिन सुहागिन औरतो को काले और सफ़ेद रंग के वस्त्र खरीदने से बचना चाहिए क्युकी ये रंग सुहागिनों के लिए अशुभ माने जाते है  करवा चौथ के दिन शुभ रंग जैसे के लाल,हरा ,पीला ,गुलाबी ,नारंगी जो की हरियाली और सम्पन्नता के प्रतीक होते है इन रंगो के वस्त्र खरीदना पति पत्नी के रिश्ते में मज़बूती और मधुरता लाते है 

३- टूटी हुए छन्नी और चटखा हुआ करवा-करवा चौथ में चन्द्रमा को अरग देने के लिए छलनी और करवा दोनों ही आवश्यक वस्तुए है और ऐसे शुभ मौके पर इनकी खरीद पर धायन रखना बहुत जरुरी है टूटी हुए छलनी या चटका हुआ करवा खरीदना पुरे ही धार्मिक कार्य को खंडित कर सकता है इसका बहुत ही अशुभ प्रभाव पति पत्नी के रिश्ते पर पड़ सकता है | इसलिए भूल कर भी करवाचौथ की पूजा में इस्तेमाल होने वाला करवा और छलनी टुटा हुआ न लें 

करवा चौथ में अगर पीरियड आ जाए तो पूजा कैसे करें?

karva chauth 2023 kab hai:करवा चौथ का व्रत इस साल एक नवम्बर २०२३ को होने वाला है सुहागन औरते इस दिन का पुरे साल इंतज़ार करती है और अपने पति की लम्बी आयु और अच्छे स्वास्थ की कामना करती है लेकिन ऐसे में साल बाहर के इंतज़ार के बाद अगर करवा चौथ के दिन पीरियड शरू हो जाए तो महिलाओ को क्या करना चाहिए क्यकि मासिक धर्म प्रक्रिया शरु होने के बाद महिलाये धार्मिक कार्यो को करने के योग्य नहीं मानी जाती है किसी भी पूजा पाठ में बैठना उनके लिए वर्जित हो जाता है तो  करवा चौथ के दिन अगर पीरियड शुरू हो जाए तो महिला को किस प्रकार से अपनी पूजा पूरी करनी चाहिए सनातम धर्म के अनुसार क्या है सही तरीका आइये जानते है | 

करवा चौथ के दिन अगर किसी महिला का पीरियड शुरू हो जाता है तो उसे अपना व्रत और पूजा दोनों ही चीज़ो को पूरा करना होता है जिसके लिए वह कसी अन्य महिला की मदद ले सकती है खुद दूर बैठ कर अन्य महिला की मदद से अपनी पूजा को पूरा करवा सकती है और मानसिक रूप से करवा माता की आराधना करते रहना चाहिए अपने पति की लम्बी आयु की कामना करनी चाहिए आप पूरी पूजा को बिना किसी पूजा सामग्री को हाथ लगाए दूर बैठ कर संपन्न कर सकती है जिसके लिए आपके मन का संतुष्ट होना जरुरी है आप को  अपने मन में ये कामना रखनी है की आपकी पूजा पूरी हुई है| 

 

सरगी में नमक  क्यों नहीं खाना चाहिए 

सरगी एक सास के द्वारा दी गयी बहु के लिए खाने पिने की कुछ चीज़े होती है जिसे व्रत के दिन सूर्योदय होने से पहले खाया जाता है जिसमे सूखे मेवा और मिठाई शामिल होती है इसमें कोई भी नमकीन चीज़ नहीं होती है जिसके पीछे की वजह ये है की अधिक नमक खाने से शरीर में सोडियम की मात्रा बढ़ जाती है  जिससे निर्जलीय करण की समस्या उतपन्न होती है जो व्रत के लिए सही नहीं होती है इसलिए हमें नमक के सेवन से बचना चाहिए |

करवा चौथ की कथा 

आईए जानते हैं करवा चौथ के व्रत के पीछे की कथा क्या है-

प्राचीन काल की बात है किसी गांव में एक साहूकार रहता था जिसके ७  पुत्र और एक पुत्री थी साहूकार की सात बहूओं सहित बेटी और पत्नी ने भी करवा चौथ का व्रत रखा जब शाम के भोजन का समय हुआ तो साहूकार के साथ बेटे भोजन करने बैठे और अपनी बहन को भी भोजन के लिए आमंत्रित किया लेकिन बहन ने यह कहकर मना कर दिया कि मेरा करवा चौथ का व्रत है और अभी चंद्रमा के दर्शन नहीं हुए हैं| 

karva chauth 2023 kab hai
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चंद्रमा के दर्शन के बाद अरक देकर ही मै अपना व्रत तोडूंगी और उसके पश्चात भोजन करूंगी बहन के यह वचन सुनकर सात भाइयों ने मिलकर एक योजना बनाई और गांव के सामने वाली पहाड़ी पर एक दिया जलाकर रख दिया फिर घर आकर बहन से कहा कि चंद्रमा निकल आया है अब तुम अपना व्रत पूरा करके भोजन कर सकती हो जैसे ही बहन को चंद्रमा निकलने की बात पता चली उसने अपनी सात भाभियों को इकट्ठा किया और चंद्रमा को अरक देने की बात कही, भाभिया भाइयों की योजना को जानती थी और अपनी नंद को आगाह किया कि यह तुम्हारे भाइयों की योजना है क्योंकि वो तुमसे बहुत अधिक प्रेम करते हैं तुम्हारा भूखा रहना उनसे देखा नहीं जाता इसलिए उन्होंने यह योजना बनाई है लेकिन नंद ने भाभियों की बातों को अनसुना कर दिया और भाइयों के द्वारा बताए हुए अग्नि रूपी चंद्रमा को अर्क देकर अपना व्रत तोड़ दिया

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और जैसे ही भोजन के लिए पहला कौर उठाया तो उसे छीक आ गई लेकिन उसे ऐसा प्रतीत हुआ कि दिन भर व्रत रखने के कारण ऐसा हुआ है और फिर दूसरा कौर खाने के लिए उठाया तो उसमें बाल निकल आया और जैसे ही तीसरा कौर तोड़ा क्या देखती है कि उसके ससुराल से समाचार आया है कि उसका पति बहुत बीमार है और गंभीर हालत में है जल्द से जल्द साहूकार की बेटी को ससुराल पहुंचने के लिए कहा जाता है 

और साहूकार की पत्नी बेटी को भेंट देने के लिए साड़ी निकालने लगती है जैसे ही बक्से से पहले साड़ी निकलती है तो वह काले रंग की और दूसरी साड़ी सफेद रंग की निकलती है काफी देर तक यही चलता रहा ये देख कर बेटी बोली की रहने दीजिए मां मेरे पास बहुत साड़ियां है और मैं ऐसे ही जा रही हूं चलते मां ने उसे एक आज्ञा दी की जो भी तुम्हें रास्ते में मिले उसको  प्रणाम करती हुई चली जाना और उस मार्ग में जो भी मिला उसे प्रणाम करती हुई चली गई जब वह ससुराल पहुंची तो दरवाजे पर उसकी छोटी नन्द मिली उसने अपनी नंद को भी प्रणाम किया और पैर छुए नंद ने उसे सदा सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद दिया उसके बाद वह घर के अंदर चली गई घर के अंदर जाकर क्या देखती है कि उसके पति का शव जमीन पर रखा है जिसे देख कर वह तेज तेज रोने लगी 

karva chauth 2023 kab hai
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जब उसके पति के शव को लेकर लोग शमशान जाने लगे तो वह तेज तेज रोने लगी और खुद भी शव के साथ चल दी जैसे ही उसके पति को जलाने का समय आया तो वह कहने लगी कि मैं अपने पति के शव को नहीं जलाने दूंगी तो लोग उसे हैरत से देखने लगे की कैसी पत्नी है पहले तो अपने पति को खा गई और अब उसे मोक्ष भी नहीं प्राप्त होने दे रही है लेकिन वह अपनी बात पर अड़ी रही और अपने पति को लेकर बैठ गयी उसके रहने के लिए लोगों ने शमशान में ही एक झोपड़ी बना दी और वह इस झोपड़ी में अपने पति को लेकर रहने लगी पति की साफ सफाई करती दिन में दो बार उसकी छोटी नंद खाना लेकर आती थी अब उसने हर चौथ का व्रत करना शुरू कर दिया था और चांद को अर्क देती थी इसके साथ ही चौक माता की कहानी भी सुनती थी जब चौक माता प्रकट हुई तो उन्होंने इस प्रकार कहा “करवो ले करवो ले भाइयों की प्यारी करवो ले घड़ी बुखारी करवो ले” और फिर साहूकार की बेटी चौक माता से अपने पति के प्राण मांगती लेकिन माता उसे कहती थी कि जब हमसे बड़ी माता आएंगी तो उनसे तुम अपने पति के प्राण मांगना एक-एक करके सारी माताएं आई और चली गई लेकिन अश्विन की चौथ माता बोली की तुमसे कार्तिक की बड़ी चौथ माता नाराज है वही तेरे पति के प्राण लौट आएंगे तू उनके पैर मत छोड़ना और सुहाग की सारी निशानियां तैयार रखना जब कार्तिक की करवा चौथ की रात आई तो उसने अपनी नंद से सोलह सिंगार का सामान मंगवाया और करवा चौथ का व्रत रखा चंद्रमा को अर्क दिया और जोत जलाई जब चौक माता प्रकट हुई तो बोली ” करवो ले करवो ले भाइयों की प्यारी करवो ले दिन में चांद उगाने वाली करवो ले करवो ले” यह सुनते ही साहूकार की बेटी ने चौक माता के पैर पकड़ लिए और बोली माता मेरा सुहाग वापस करो 

karva chauth 2023 kab hai
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यह सुनकर माता बोली के तू तो सात भाइयों की प्रिय बहन है सुहाग का तेरे लिए क्या काम यह सुनकर साहूकार की बेटी बोली कि नहीं माता मैं आपके पैर नहीं छोडूंगी जब तक आप मेरा सुहाग नहीं वापस करेंगी आप चौक माता ने एक-एक करके उसे सुहाग का सामान मंगा और साहूकार की बेटी ने सारा सुहाग का सामान माता को दे दिया आप चौक माता ने अपनी आंख से काजल निकाला, नाखूनों से मेहंदी निकाली, मांग से सिंदूर निकाला और उसे करवे में घोलकर छोटी उंगली सेशव को छिटा दिया जिससे उसका पति जीवित हो गया चौक माता जाते-जाते उसकी झोपड़ी पर लात मार गई जिससे उसकी झोपड़ी महल में बदल गई और जब साहूकार की बेटी की नंद खाना लेकर आई तो देखा की भाभी की झोपड़ी की जगह महल खड़ा है | 

karva chauth 2023 kab hai
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भाभी नंद से कहने लगी की माता से कहना आपका बेटा जीवित हो गया है अब हमें बाजे गाजे के साथ लेने आए नंद ने जाकर अपने माता को यह समाचार दिया लेकिन माता कहने लगी की भाभी के साथ तेरा भी दिमाग खराब हो गया है वह बोली नहीं माँ मैंने देखा है सच में भाई जिंदा हो गया है उसकी बात सुनकर माँ खुश होकर बाजे के साथ शमशान पहुंची तो क्या देखती है कि सच में उसका पुत्र जीवित हो गया है बहू ने फौरन अपनी सास के पैर छुए और सास ने बहू के पैर पकड़ लिए बहू ने कहा मां तेरा बेटा वापस आ गया लेकिन सास बोली कि मैंने  तो इसे एक साल पहले ही खो दिया था यह तो तेरे कर्मों का फल है कि तेरा पति वापस आया है|

 माता रानी जैसा दुख तूने साहूकार की बेटी को पहले दिया ऐसा दुख किसी को ना देना और जैसा सुख साहूकार की बेटी को बाद में दिया ऐसा सुख सबको देना|

Swati
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